बात 1949 की है जब पहली बार मीना कुमारी कमाल अमरोही से मिलीं , उस बक्त अमरोही की शादी हो चुकी थी और उनकी "महल" नामक फिल्म हिट हो चुकी थी। वे मीना कुमारी को लेकर "अनारकली" बनाना चाहते थे । जिस वजह से अक्सर वे मीना कुमारी से मिलने उनके घर आने लगे, बातों मुलाकातों का ये सफर यू ही चलता रहा । इसी दौरान एक बार "पूना" से लौटते वक्त मीना कुमारी की कार का का एक्सीडेंट हो गया और उन्हे अस्पताल जाना पड़ा । अमरोही साहब को जब ये पता चला तो वे मीना कुमारी से मिलने अस्पताल पहुंचे, वहाँ पहुँचने पर मीना की छोटी बहन ने बताया की मीना जूस नहीं पी रहीं। कमाल साहब ने जूस का गिलास खुद ले लिया और मीना के पास जा पहुंचे , उन्हे सहारा देकर उठाया और जूस का गिलास उनके होंठो की तरफ बढ़ाया , मीना बिना कुछ पुछे या बोले चुपचाप सारा जूस गटक गईं । अब कमाल साहब हर सप्ताह उनसे मिलने आने अस्पताल आने लगे । जल्द ही दोनों को लगने लगा की सप्ताह भर की दूरी कुछ ज्यादा हो रही है, अब वे सप्ताह में दो तीन बार मिलने लगे। और जिस दिन ये नहीं मिलते ,एक दूसरे को चिट्ठियाँ लिखते और उन चिठ्ठियों को खुद ही एक दूसरे को देते । कमाल साहब मीना को अंजु नाम से बुलाते और मीना उन्हे चन्दन नाम से पुकारतीं । फिर ऐसा दौर भी आया जब उन्हे बिना एक दूसरे से बात किए बक्त काटना मुश्किल लगने लगा । अब वे टेलीफोन पर देर- देर तक बातें करने लगे। हर रात मीना को अमरोही साहब के फोन का इंतजार रहता, अमरोही ठीक साढ़े ग्यारह बजे रात को फोन करते और सुबह साढ़े पाँच बजे तक इनकी बातें होती रहतीं । रात में इतनी देर जगकर बात करते करते ही मीना को नींद न आने की बीमारी हो गयी । 24 मई 1952 को दोनों ने विवाह कर लिया।
मंगलवार, 14 अप्रैल 2020
मीना कुमारी - जिन्हें रात-रात भर फोन पर बात करने के चलते नींद न आने की बीमारी हो गई थी? About- Actress Meena Kumari
Posted by zindgi.com | 3:13 am Categories:उनका असली नाम महजबीन बानो था । प्रोड्यूसर विजय भट्ट ने जब अपनी फिल्म ‘लेदरफेस’ (1939) में बाल भूमिका में लिया तो उन्हे ये नाम ठीक नहीं लगा, काफी सोचने के बाद उन्होने बेबी मीना नाम रख दिया ।फिर बड़ी होकर यही बेबी मीना यानि महजबीन बानो मीना कुमारी कहलाईं । 01 अगस्त 1932 को जन्मी इस अभिनेत्री ने अपना 32 साल हिन्दी सिनेमा के लिए समर्पित कर दिया।
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