शनिवार, 24 अक्टूबर 2015

'मोबाइल वॉलेट'   इसे ऑनलाइन लेन-देन खाता कह सकते है,यह डिजिटल पर्स है जिससे पैसे का लेन-देन और पेमेंट का कार्य होता है। इस ऑनलाइन बटुए को डेबिट या क्रेडिट कार्ड के स्थान पर प्रयोग किया जाता है । हालांकि आपको अपने ऑनलाइन बटुए में पैसे डालने के लिए डेबिट या क्रेडिट-कार्ड का सहारा तो ही लेना पड़ता है। यह सेवा ग्राहकों को बिना बैंक खाते के अपने मोबाइल खाते में पैसे डालने और फिर उससे ख़रीदारी करने या पैसे ट्रांस्फ़र, डी टी एच और मोबाइल का रिचार्ज या दोस्तों को पैसे भेजने, विभिन्न ब्रांडों एवं सेवाओं के  भुगतान करने का विकल्प देती है।भारतीय रिज़र्व बैंक ने इस में पैसे रखने एवं खर्च करने के लिए एक मासिक सीमा निर्धारित की है । कोई भी व्यक्ति अपने ऑनलाइन बटुए में दस हजार रुपए से ज्यादा नहीं रख सकता है ,हालाँकि खाते की सीमा एक लाख रुपए तक बढ़ाई जा सकती है, परन्तु उसके लिए खाते को KYC की प्रक्रिया से  गुजरना होता है।
                                             मोबाइल फ़ोन के ज़रिए बिल चुकाने की यह सेवा नई नहीं है.अफ़गानिस्तान में वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांस्फ़र के सहयोग से चलनेवाली इसी तरह की सेवा  'मोबाइल हवाला' पहले से ही चर्चित है ,अरबी भाषा में हवाला शब्द का अर्थ भी स्थानांतरण ही होता है।  2008 की एयरटेल की एम-पेमेंट जो साल 2011 में  'एयरटेल मनी' बन गयी , उसी वर्ष वोडाफ़ोन की एम-पैसा भी आई . पाकिस्तान का ईजीपैसा और बांग्लादेश का बीकैश पहले से ही अपनी पहचान बनाये हुए हैं ,हालाँकि मुख्य रूप से मोबाइल पेमेंट सेवाओं को भारत में आये लगभग छःसाल हो गए हैं, लेकिन फिर भी इनका इस्तेमाल अभी काफी कम लोग हैं , कर रहे हैं,पर इसका भविष्य सुनहला है।
                                             यह सेवा कैशबैक को लेकर भी चर्चित हो रहा है, जहाँ  हर एक सफल रिचार्ज/ट्रांजेक्शन  पर  कैशबैक कूपन मेल आई-डी पर भेजे जाते हैं। लाभान्वित ग्राहक भुगतान करने वाली स्क्रीन पर प्रोमो-कोड( कैशबैक कूपन )डाल कर इसका लाभ उठाते हैं या प्रोमो कोड से मिलने वाली छूट मोबाइल वॉलेट में जमा कर दी जाती हैं ,जिनका इस्तेमाल बाद में अन्य ट्रांजेक्शन में होता है।

                                                 
भारत में फिलहाल 4 तरह के मोबाइल वॉलेट एक्टिव है।
1. ओपन मोबाइल वॉलेट
यह आपको किसी वास्तु या किसी सर्विस के लिए पेमेंट की सुविधा देता है। इसमें बैंकिंग के साथ पैसा ट्रांसफर किया जा सकता है। वोडाफोन का एम-पैसा ऎसा ही मोबाइल वॉलेट है।
भारतीय स्टेट बैंक का SBI Buddy, HDFC का  पेजैप और ICICI  का पॉकेट  मोबाइल वॉलेट भी लॉन्च चुके हैं.
2.सेमी-ओपन मोबाइल वॉलेट
व्यापारी अथवा दुकानदार के साथ ट्रांजेक्शन करने की सुविधा ,जिन प्रोवाइडर के साथ उसका  कॉन्ट्रैक्ट हो। इसमें आप कैश नहीं निकाल सकते और ना ही पैसे वापस ले सकते हैं। इसमें लोड हुए सिर्फ खर्च हो  सकते हैं। एयरटेल मनी इसका उदाहरण है।
3. क्लोज्ड मोबाइल वॉलेट
यह काफी लोकप्रिय सर्विस है। इस वॉलेट में ऑर्डर के कैंसल या वापस होने पर व्यापारी अथवा दुकानदार के पास पेसा लॉक्ड रहता है।
4. सेमी क्लोज्ड मोबाइल वॉलेट
 इस वॉलेट के तहत आप ऑनलाइन शॉपिंग और रिचार्ज कर सकते हैं, कैश नहीं निकाल सकते।पेटीएम इसका उदाहरण है।


                                                  मोबाइल वॉलेट के फायदे

* जेब में रखा पर्स खो सकता है, चोरी हो सकता है, जेब काटी जा सकती है, लेकिन मोबाइल वॉलेट न तो चोरी हो   सकता है और न ही खो सकता है।
 * खुले पैसों के लिए भटकने की जरूरत नहीं यहां पैसे भी उतने ही कटते हैं जितना का बिल होगा।
                                                           

                                              मोबाइल वॉलेट के नुकसान

इंटरनेट कनेक्शन पर आधारित । 
मोबाइल वॉलेट सर्विस प्रोवाइडर से बहुत कम संख्या में व्यापारी और दुकानदारों का जुड़ाव  ।  
रूपये जमा और खर्च करने की पाबन्दी । 
साइबर सेंध और हैकर्स का डर। 
रुपयों के वापसी में पेंच , खरीदारी की विवशता।  


0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

  • RSS
  • Delicious
  • Digg
  • Facebook
  • Twitter
  • Linkedin
  • Youtube