शुक्रवार, 23 अक्टूबर 2015

त्योहारों के शुरू होते ही आॅनलाइन खरीदारी पर भारी छूट और आॅफर्स की झड़ी लगी लग जाती है। हरेक खरीदारी पर यहां कुछ न कुछ  जरूर मिलता है। परंतु इन आफर्स के चक्कर में कभी-कभी भारी नुकसान भी उठाना पड़ता है। खास कर आॅनलाइन खरदारी में हम बगैर जांचे-परखे भारी आॅफर देखकर किसी भी साइट से कुछ भी उठा लेते हैं और भारी आॅफर के चक्कर में भारी धोखा हो जाता है। इसलिए आॅनलाइन खरीदारी से पहले कुछ सावधानियां जरूरी हैं।

जानकार हो साइट 

अक्सर भारी छूट का मैसेज देखते ही साइट के बारे में बगैर जांचे परखे खरीदारी के लिए आतूर नहीं हों ,उन्ही आॅनलाइन साइट से खरीदारी करें जिनके बारे में लोगों को पहले से जानकारी हो या यूं कहें कि जिन पर भरोसा हो।

रिव्यू ,रेटिंग और कमेंट पर भी दें ध्यान  

भरोसेमंद आॅनलाइन स्टोर से खरीदारी करने से पहले उसके बारे में उपभोक्ता का कमेंट और रिव्यू जरूर पढ़ लें। उपभोक्ता कमेंट, रिव्यू और रेटिंग आपके लिए बेहतर वस्तुओं  के चुनाव में मददगार होगा। क्योंकि इससे उत्पाद की गुणवत्ता और विश्वसनीयता के साथ साइट की सर्विसेज गतिविधि का पता भी चल जाता है।

विक्रेता हो भरोसेमंद

आॅनलाइन स्टोर सिर्फ खुद का समान नहीं बेचतीं बल्कि वहां अलग—अलग रिटेलर्स के उत्पाद भी बेचे जाते हैं। ऐसे में कोशिश होनी चाहिए की विक्रेता भरोसेमंद हो , हालाँकि  आॅनलाइन स्टोर के विक्रेताओं में से भरोसेमंद चुनना भी मुश्किल काम है, इसके लिए ये जांचना भी जरुरी है की आॅनलाइन स्टोर द्वारा उसे  विशेष दर्जा दिया गया हो। जैसे फ्लिपकार्ट पर फ्लिपकार्ट अडवांटेज, स्नैपडील पर स्नैपडील फुलफील और अमेजन फुलफील दर्शाये जाते हैं ।

गारंटी और वारंटी  

आॅनलाइन खरीदारी के समय यह देखना  भी जरुरी है कि प्रोडक्ट पर निर्माता कंपनी की ओर से गारंटी व वारंटी दी जा रही है , कि डीलर वारंटी या थर्ड पार्टी वारंटी। डीलर या थर्ड पार्टी वारंटी अक्सर रिफर्बिश प्रोडक्ट के लिए होता है। रि‍फर्बि‍श प्रोडक्‍ट्स आमतौर पर उन डि‍वाइसेज को कहते हैं जि‍नहें मैन्‍युफैक्‍चरर्स कुछ खराबी, रीपेयर की वजह से मार्केट से वापस लेने के बाद छह माह या उससे ज्‍यादा महीने की वारंटी के साथ कम कीमत पर दोबारा मार्केट में बेचते हैं।

सामने खोलें पैकेट

आॅनलाइन खरीदारी में गलत सामान और धोखा-धड़ी के मामले आते ही रहते  हैं। इसलिए कोशिश करें कि डिलिवरी ब्वाॅय के सामने ही पैकेट खालें। या संभव हो तो आस पास के तीन-चार लोगों की मौजूदगी में  मोबाइल से ही पैकेट खोलने का छोटा सा वीडियो बना लें ।

 रसीद को रखें सुरक्षित

आॅनलाइन खरीदारी के बाद ईमेल पर मिलने वाले रसीद को सुरक्षित रखें। जिससे कि गलत सामान की प्राप्ति पर  ई-काॅमर्स साइट पर पैसा वापस करने के लिए दावा किया जा सके।
                                                         
                                               ऑनलाइन भुगतान सम्बंधित सावधानियां  
  1- क्रेडिटकार्ड-डेबिट कार्ड की बजाय नेट बैंकिंग का ज्यादा उपयोग करें ।
आपने देखा होगा डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर रिचार्ज में 50रु की छूट, मूवी टिकट पर 50% की छूट के नाम पर ग्राहक को लालच दिया जाता है। सारे ऑफर सिर्फ डेबिट कार्ड-क्रेडिट कार्ड पर ही होते है ,नेट बैंकिंग पर कोई ऑफर नहीं। आखिर क्यों नहीं मिलता नेटबैंकिंग पर कैशबैक या छूट ? 
क्रेडिटकार्ड और डेबिट कार्ड से भुगतान करने पर उस साइट पर यह कह कर क्रेडिटकार्ड और डेबिट कार्ड नंबर स्टोर किया जाता है की भविष्य में होने वाली अन्य खरीदारी में सहूलियत होगी और बार -बार इन नंबरों को नहीं डालना पड़ेगा, पर सच्चाई ये है की भविष्य में इनका दुरूपयोग ही होता है। 
Mobikwik जैसे कई कंपनियों ने अपना ऐसा एंड्राइड एप बनाया  है कि डेबिटकार्ड-क्रेडिटकार्ड और नेट बैंकिंग से पेमेंट करने पर अगर मोबाइल में कोई OTP sms आये तो आपको उसे  टाइप ना करना पड़े वो खुद कॉपी कर ले । इस तरह सुविधा के नाम पर, आपके अकाउंट का गलत इस्तेमाल करने की साजिश हो रही है ताकि आपको पता भी नहीं चले की  कब आपकी mobile browser cookies से आपके बैंक के पासवर्ड ट्रैक करके और OTP sms यूज़ करके रूपये उड़ा दिए जायें ।

भारत में तो डेबिट कार्ड से  पेमेंट के दौरान 3D secure पासवर्ड का आप्शन आता है, लेकिन अमेरिका की या अन्य विदेशी बहुत सी ऐसी वेबसाइट हैं जहाँ से आप डेबिट कार्ड यूज़ भी करेंगे तो सिर्फ कार्ड नंबर और CVV ही एंटर करना होता है। जालसाज इसी तरह की  वेबसाइट का उपयोग ऑनलाइन वॉलेट की तरह करके रूपये उड़ाते हैं। 
 दूसरी मुख्य बात-  जालसाज इ-कॉमर्स वेबसाइट या कंपनी  उसी नाम से दूसरी फेक कंपनी या वेबसाइट  बनाकर रखती  है, ताकि धोखाघड़ी में उसकी असलियत सामने न आये ,राशि कटने की जानकारी  बैंक  से लेने पर दूसरी फेक कंपनी/वेबसाइट का नाम आता है जिससे इन कंपनियों पर कोई आंच नहीं आती। 

2- ऑफर देने वाली नयी कंपनियों की बजाय विश्वसनीय कंपनी का ही उपयोग करें.
3- ये सही है की बड़ी कंपनी प्रमोशन के लिए पैसे खर्च करती है लेकिन जरूरत से ज्यादा आकर्षक ऑफर दिखे तो उससे दूर रहे ।
4- ऑनलाइन शॉपिंग  में पेमेंट के बजाय cash on delivery का आप्शन चुनें ।

कई बार पैसे फ़साने के लिए Unbelivable ऑफर एड के प्रचार के जरिये   दिखाई जाती  है - जिसमे उस प्रोडक्ट की रेट काफी सस्ती दिखाई जाती है, ग्राहक प्रोडक्ट आर्डर करता है। ऐसे प्रोडक्ट पर जानबूझकर cash on delivery विकल्प नहीं होते। पेमेंट के 2-3 दिन बाद मैसेज आता है की आपका आर्डर पूरा नहीं किया जा सकता क्यूंकि ये प्रोडक्ट आउट ऑफ़ स्टॉक है और पैसे वेबसाइट के वॉलेट में आ जाते हैं। जिनसे भविष्य में  शॉपिंग कर रूपये निकालने  की बाध्यता आ जाती है ,ये रूपये  सीधे बैंक अकाउंट में वापिस नहीं आते।
5- मोबाइल में कोई भी फर्जी एप डाउनलोड ना करें।
कुछ ऐसे ग्राहक  भी हैं जिन्होंने पहली बार क्रेडिटकार्ड-डेबिट कार्ड यूज़ किया था और उनके क्रेडिटकार्ड-डेबिट कार्ड डिटेल्स को सेव कर उसका गलत उपयोग हो रहा है ,अकाउंट से पैसे जा रहे हैं, मजबूर होकर उन्हें कार्ड ब्लाक करवाना पड़ रहा है। 
6- बेहतर होगा मोबाइल में मोबाइल बैंकिंग यूज़ ना करें ।
7- वेबसाइट पर बनाये जाने वाले अकाउंट और नेटबैंकिंग का पासवर्ड जटिल रखें ,किसी भी वन टाइम पासवर्ड को वॉयस कॉल के जरिये होने वाले वेरिफिकेशन में नहीं बताएं।

इन्हे भी देखें -  दस  में आठ हैं धोखेबाज 
Paytm के डायरेक्टर के खिलाफ धोखाधड़ी का केस, 313 लोगों की शिकायत
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