Huतू ....मेरी जिंदगी है, तू ....मेरी हर खुशी है..
1990 में रिलीज़ हुई फिल्म 'आशिकी' का ये गाना जिसे गाकर कुमार सानू रातों रात स्टार बन गए। इस फ़िल्म के सभी गाने बेहद हिट हुए। हालांकि इससे पहले भी कुमार सानु कई सारे गाने गा चुके थे । लेकिन, ये एक ऐसा गाना था जिसने कुमार सानू को बुलंदियों पर पहुंचा दिया। लेकिन मजेदार बात यह है कि जिस गाने ने कुमार सानु को स्टार बनाया था, दरअसल वह गाना पहले के एक गाने को कॉपी करके बनाई गई थी। साधारण शब्दों में कहें तो चोरी करके बनाई गई थी। गाने के शब्दों और संगीत में थोड़ी छेड़-छाड़ करके इस गाने का निर्माण किया गया। गीतकार थे समीर और संगीतकार नदीम श्रवण।
असल में यह गाना 1977 में आयी पाकिस्तानी फ़िल्म- 'मोहब्बत मर नहीं सकती' से प्रेरित था जिसे गाया था,मल्लिका-ए-तरन्नुम- 'नूरजहां' ने। वो जितनी खूबसूरत थी उतनी ही सुरीला गाती भी थीं। नूरजहां की खूबसूरती का यह आलम था कि जो भी उन्हे देखता ,देखता ही रह जाता। बंटवारे के बाद नूरजहां पाकिस्तान चली गई थीं। उनकी आखिरी ख्वाहिश थी कि मैं जहां पैदा हुई हूं वहीं पर मरूं। गाने का मेल वर्जन मेहंदी हसन से गवाया गया था। दिलचस्प बात यह है कि 1975 में इसी तरह की एक गजल को पाकिस्तानी गायिका" तस्सवर खानम" द्वारा भी रिकॉर्ड किया गया था।
साहित्यिक चोरी दशकों से फिल्म उद्योग की एक निरंतर विशेषता रही है। हॉलीवुड फिल्मों की कहानी को बिना क्रेडिट दिए उपयोग करना भी उनमें शामिल है। फिल्म संगीत में इसका खाशा असर देखा गया है, यहां तक कि संगीतकार आरडी बर्मन के साथ अनु मलिक और प्रीतम आदि लोगों पर ऐसे आरोप लगते रहें है।
एक झलक इस गाने पर - "हवा हवा ए हवा खुशबू लूटा दे" हिन्दुस्तान ने पाकिस्तान से कॉपी किया और पाकिस्तान ने ईरान से -
ऐसे सैकड़ों गाने हैं जिन्हें अन्य देशों से उठाकर बॉलीवुड में उपयोग किया गया है और जो बेहद हिट रहे हैं।
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