गुरुवार, 21 जनवरी 2021

 

रफी के रोमांटिक गानें हों , किशोर के मस्ती भरे नगमें या मुकेश के दर्द भरे गीत । तीनों ही गायकों के अपने-अपने अलग-अलग अंदाज रहे। तीनों गायकों की अपनी अपनी फैन फॉलोइंग भी रही। पर कुछ श्रोता ऐसे भी रहे जिन्हें इन तीनों की ही गायन शैली ताउम्र लुभाती रही।

कैरियर से जुड़ा एक संयोग -
मोहम्मद 
रफ़ी ने अपने करियर की शुरुआत 1944 में, मुकेश ने 1945 में और किशोर कुमार ने 1946 में की ।

मोहम्मद रफी ने 1944 में अपने प्लेबैक सिंगिंग की शुरुआत पंजाबी फिल्म -" गुल बलोच" के गाने से की थी। इसके बाद कुछ दिन ऑल इंडिया रेडियो ( लाहौर स्टेशन) के लिए गाते रहे। फिर मुंबई आ गए और हिंदी फिल्मों में गाने लगे। दिलचस्प बात यह है कि सन 1971 में "हज" से लौटते समय मौलवियों ने उनसे कहा- आप हाजी हो गए हैं , इसलिए अब आपको फ़िल्मों में नहीं गाना चाहिए. इसके बाद रफी ने भारत लौटकर गाने गाना बंद कर दिया था."

पार्श्व गायक के तौर पर सन-1945 में फ़िल्म "पहली नज़र" के लिए मुकेश ने जो पहला गाना गाया ,वह था -"दिल जलता है तो जलने दे" जिसे अभिनेता मोतीलाल पर फिल्माया गया था ।

किशोर कुमार को पहली बार फिल्म - शिकारी के लिए गाने का मौका 1946 में मिला, जब वे 17 साल के थे, पर बाद में उस गाने को फिल्म से हटा दिया गया, आगे चलकर 1948 में उन्होंने फिल्म जिद्दी के लिए-" मरने की दुआएं क्यों मांगू" गाया और 1949 आते आते संगीत जगत मे पुरी तरह स्थापित हो गए।

निधन से जुड़ा विचित्र संयोग -
रफी का निधन 1980 में मात्र 56 वर्ष की उम्र में हो गया,
किशोर कुमार का निधन 1987 में मात्र 58 वर्ष की उम्र में हो गया,
 और
मुकेश का निधन 1976 में मात्र 53 वर्ष की उम्र में हो गया।

इन तीनों ही गायकों की मौत तब हुई जब ये अपनी गायकी के उत्कर्ष पर थे, निजी जीवन में तीनों एक दूसरे के गहरे मित्र रहे और जब भी मिलते एक दूसरे के लिए लंबी उम्र की दुआएं मांगते पर अफसोस कोई भी 60 वर्ष की उम्र को पार नहीं कर सका। बेहद दिलचस्प बात यह है कि तीनों महान गायकों का देहांत हार्ट अटैक की वजह से ही हुआ।

गायन से जुड़ा ऐतिहासिक संयोग -
रफी और किशोर , रफी और मुकेश, किशोर और मुकेश ने वैसे तो कई नगमे साथ साथ गाए पर एकमात्र फिल्म 
"अमर अकबर एंथनी" में तीनों गायकों ने एक साथ गाया। मजे की बात यह रही की "हमको तुमसे हो गया है प्यार क्या करें " गाने में लता मंगेशकर ने इन तीनों के साथ पहली और आखरी बार गाया। हालांकि यह गीत मुकेश के देहांत के बाद रिलीज हुआ जिसकी रिकॉर्डिंग पहले ही कर ली गई थी।

जीवन

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