राहुल देव वर्मन आम जीवन में रोज सुनाई दे जानेवाली आवाजों में में संगीत खोज लेने के लिए प्रसिद्ध रहे. जैसे फिल्म ‘आपकी कसम’ का गाना‘सुनो, कहो....’ को उन्होंने चलते पंखे की ध्वनि सुनकर बना दिया था. उसी तरह फिल्म ‘शोले’ का एक गाना महबूबा.. ओ.. मगबूबा... की शुरुआती म्यूजिक उन्होंने बीयर की बोतल में फूंक मारकर तैयार कर दी। गाड़ी में लगने वाले ब्रेक की आवाज को फिल्म "घर" के गाने तेरे बिना जिया जाय ना...में सम्मिलित करने वाले राहुल देव बर्मन आए दिन अपने किसी न किसी गाने में इस तरह के प्रयोग करते ही रहते थे। उनका संगीत वक्त से काफी आगे का था जिसे स्वीकार करने में बॉलीवुड को कुछ समय तो जरूर लगा पर पश्चिमी संगीत की फील वाले धुनों के लोग आदी हो गए।
अपने नीत नए प्रयोग के क्रम में कुत्तों की आवाजों से प्रभावित होकर उन्होंने इसे ही संगीत में ढालना शुरू किया। पर जब बात गीतकार आनंद बक्शी को पता चली तो इस अजीबो गरीब प्रयोग को लेकर और अधिक रोमांचित हो गए। असल समस्या तो फिल्मकारों को मनाने की थी । आखिरकार राजेश खन्ना की सहमति से फिल्म अपना देश में इसे (दुनिया में लोगों को धोखा...)शामिल कर लिया गया, और फिर कमाल हो गया।
इतनी प्रयोगशिलता, काबिलियत और मकबुलियत के बावजूद अंतिम चार पांच वर्षों तक उनके पास कोई काम नही था। जिस1 पंचम के पास फिल्मकारों की लाइन लगी रहती थी, वहां अब कोई आता जाता नही था। शायद लोगों का म्यूजिक टेस्ट बदलने लगा था, नए नए संगीतकार आ गए थे, गायकों की पीढियां बदल गईं थी....और इन सबके बीच पंचम कहीं खो गए थे। बॉलीवुड लगातार फ्लॉप होती फिल्मों को इसका कारण मानता है, पर एक फिल्म के फ्लॉप होने के ढेरों कारण हो सकते हैं इसके लिए सिर्फ संगीतकार को ही दोषी नहीं ठहराया जा सकता,लेकिन राहुलदेव बर्मन के साथ कुछ ऐसा ही हुआ।
पूरी तरह से टूट चुके पंचम को हमेशा मलाल रहता था की उन्हे कोई एक ऐसी फिल्म मिले जिसमे वो आलोचकों के मुंह पर कालिख पोत सकें। विधु विनोद चोपड़ा ने ये रिस्क लिया। 1942 अ लव स्टोरी की संगीत रचना का काम पंचम जी जान लगाकर करने लगे, बॉलीवुड से मिले जिल्लत के दर्द को गानों में उतारते चले गए। अब सिर्फ फिल्म के रिलीज की देरी थी। अफसोस इसी बीच इन्हे दिल का दौरा पड़ा और इन्हे बचाया नहीं जा सका। पर पंचम जाते जाते अपनी काबिलियत सिद्ध करके गए थे। उस वर्ष फिल्म फेयर अवार्ड के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीतकार राहुल देव बर्मन घोषित किया गया।
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