शुक्रवार, 23 जनवरी 2015

किसी भी वस्तु के प्रति विश्वास  किसी कारण का मोहताज नहीं , हमारी  नजरों में संयोग मात्र लगने वाले ये  विश्वास किसी न किसी रूप में स्वाभाविक तौर पर मान्य हैं !भले ही हम उसे संयोग मानकर अनदेखा कर दें ,पर किसी-किसी को  विश्वास पर इतना विश्वास है की कोई लाख समझाए उसका विश्वास कभी कम नहीं होता और अगर मान भी जाये तो  खुद को ठगा हुआ महसूस करता है फिर विश्वास पर विश्वास करने  पर विवस हो जाता है !
                                         एक नजर इन अक्षर विश्वासी पर डाल कर देख लें,खूद विश्वास करने लगेंगे !
                                            जे ओम प्रकाश 
                       "अ" अक्षर के प्रति विश्वास 
जन्म: 24 जनवरी, 1927,हिंदी फ़िल्मी जगत में चर्चित निर्देशक  के रूप में पहचान,अभिनेता ऋतिक रोशन के नाना जी !
किशोर कुमार को निर्देशित करते हुए  (1959) चाचा ज़िन्दाबाद से फ़िल्म  निर्देशन  सफर की शुरुआत और  खूद के बैनर फ़िल्मी युग के निर्माण के बाद एक के बाद एक बेहतरीन फिल्मे दीं - प की कसम(1974 ),क्रमण (1975),    शिक हूँ बहारों का (1977) ,  पनापन (1977) , स पास (1981 ), पना बना लो (1982), र्पण (1983), खिर क्यों?(1985) , प के साथ(1986) ,  भगवान दादा (1986) में "अ" से मोह हटाकर  जोखिम उठाया फिल्म बुरी तरह असफल हो गयी,फिर अपनी राह पर आ गए !  ग्नि(1988),  दमी और प्सरा(1991),  दमी खिलौना है(1993)
                                         

                      करण जौहर  
                               "क " अक्षर के प्रति विश्वास
जन्म: 25 मई, 1975 फिल्म निर्माण,निर्देशन,कॉस्ट्यूम डिजायनिंग,होस्टिंग जैसे कार्य के लिए प्रसिद्ध ! धर्मा प्रोडक्शन्स के मालिक , मित्र आदित्य चोपड़ा की फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे से कॉस्ट्यूम डिजायनिंग के तौर पर  सामने आये ,अंकज्योतिषी में विश्वास,हालाँकि लगे रहो मुन्नाभाई (2006) की सफलता ने उन्हें इस विश्वास से बाहर निकलने पर मजबूर किया !
बतौर निर्देशक-  कुछ कुछ होता है (1998 निर्माता भी  ), भी खुशी कभी ग़म(2001निर्माता भी ) ,
बतौर निर्माता-   भी अलविदा न कहना (2006 निर्देशक  भी  ) , कुची कुची होता है (2009 ) , ल हो ना हो' (2003),  'काल'(2005).



                                           राज कपूर   
                                 "र " अक्षर की  परम्परा      
अपने नाम के शुरूआती अक्षर " र" से प्रेम की परम्परा हीं है की राज कपूर के  कपूर परिवार  के सभी सदस्यों का नाम" र" से ही शुरू होता है-
राज कपूर-
णधीर कपूर,  Ritu (ऋतू )नंदा,   Rishi (ऋषि )कपूर , राजीव कपूर,  रीमा जैन ,  (राज कपूर की संतान)
रिद्धिमा  कपूर ,णवीर कपूर   (ऋषि )कपूर की संतान)  
           


  अमिताभ बच्चन    
                            "अ " अक्षर की  परम्परा की शुरुआत   
         अमिताभ बच्चन , भिषेक बच्चन , राध्या                                                  

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