मोबाइल फ़ोन के ज़रिए बिल चुकाने की यह सेवा नई नहीं है.अफ़गानिस्तान में वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांस्फ़र के सहयोग से चलनेवाली इसी तरह की सेवा 'मोबाइल हवाला' पहले से ही चर्चित है ,अरबी भाषा में हवाला शब्द का अर्थ भी स्थानांतरण ही होता है। 2008 की एयरटेल की एम-पेमेंट जो साल 2011 में 'एयरटेल मनी' बन गयी , उसी वर्ष वोडाफ़ोन की एम-पैसा भी आई . पाकिस्तान का ईजीपैसा और बांग्लादेश का बीकैश पहले से ही अपनी पहचान बनाये हुए हैं ,हालाँकि मुख्य रूप से मोबाइल पेमेंट सेवाओं को भारत में आये लगभग छःसाल हो गए हैं, लेकिन फिर भी इनका इस्तेमाल अभी काफी कम लोग हैं , कर रहे हैं,पर इसका भविष्य सुनहला है।
यह सेवा कैशबैक को लेकर भी चर्चित हो रहा है, जहाँ हर एक सफल रिचार्ज/ट्रांजेक्शन पर कैशबैक कूपन मेल आई-डी पर भेजे जाते हैं। लाभान्वित ग्राहक भुगतान करने वाली स्क्रीन पर प्रोमो-कोड( कैशबैक कूपन )डाल कर इसका लाभ उठाते हैं या प्रोमो कोड से मिलने वाली छूट मोबाइल वॉलेट में जमा कर दी जाती हैं ,जिनका इस्तेमाल बाद में अन्य ट्रांजेक्शन में होता है।
भारत में फिलहाल 4 तरह के मोबाइल वॉलेट एक्टिव है।
1. ओपन मोबाइल वॉलेट
यह आपको किसी वास्तु या किसी सर्विस के लिए पेमेंट की सुविधा देता है। इसमें बैंकिंग के साथ पैसा ट्रांसफर किया जा सकता है। वोडाफोन का एम-पैसा ऎसा ही मोबाइल वॉलेट है।
भारतीय स्टेट बैंक का SBI Buddy, HDFC का पेजैप और ICICI का पॉकेट मोबाइल वॉलेट भी लॉन्च चुके हैं.
2.सेमी-ओपन मोबाइल वॉलेट
व्यापारी अथवा दुकानदार के साथ ट्रांजेक्शन करने की सुविधा ,जिन प्रोवाइडर के साथ उसका कॉन्ट्रैक्ट हो। इसमें आप कैश नहीं निकाल सकते और ना ही पैसे वापस ले सकते हैं। इसमें लोड हुए सिर्फ खर्च हो सकते हैं। एयरटेल मनी इसका उदाहरण है।
3. क्लोज्ड मोबाइल वॉलेट
यह काफी लोकप्रिय सर्विस है। इस वॉलेट में ऑर्डर के कैंसल या वापस होने पर व्यापारी अथवा दुकानदार के पास पेसा लॉक्ड रहता है।
4. सेमी क्लोज्ड मोबाइल वॉलेट
इस वॉलेट के तहत आप ऑनलाइन शॉपिंग और रिचार्ज कर सकते हैं, कैश नहीं निकाल सकते।पेटीएम इसका उदाहरण है।
मोबाइल वॉलेट के फायदे
* जेब में रखा पर्स खो सकता है, चोरी हो सकता है, जेब काटी जा सकती है, लेकिन मोबाइल वॉलेट न तो चोरी हो सकता है और न ही खो सकता है।* खुले पैसों के लिए भटकने की जरूरत नहीं यहां पैसे भी उतने ही कटते हैं जितना का बिल होगा।