फिल्म जंजीर से पहले अमिताभ की एक दर्जन फिल्में फ्लॉप हो गई थी, और ये फिल्म उन्हे धर्मेंद्र ,दिलीप कुमार, राजकुमार और देवानंद के मना करने के बाद ऑफर हुई थी, ये वो वक्त जब कोई भी हीरोइन उनके साथ फिल्में नहीं करना चाहती थी। हालांकि फिल्म गुड्डी के सेट पर जया को देखते ही अमिताभ उन्हे चाहने लगे थे, ये अलग बात है कि जया को अमिताभ का उन्हे चोरी चोरी देखना पसंद नहीं था, उस समय जया काफी फेमस हो गई थीं। बाद में अमिताभ को इस फिल्म गुड्डी से निकाल दिया गया।इस घटना के बाद अमिताभ के लिए जया के मन में एक तरह का प्रेम या सहानुभूति जगी थी। यहीं जान पहचान बाद में दोस्ती में बदली गई।
जंजीर फिल्म के लिए जब कई सारी हीरोइनों के मना करने के बाद जया बच्चन को ये ऑफर मिला तो उन्होंने इस फिल्म के लिए तुरंत हां कर दी और आपस में ये वादा किया कि अगर ‘जंजीर’ हिट हुई तो सभी दोस्त लंदन जाएंगे, फिल्म सुपरहिट हुई और दोनों का प्यार भी परवान चढ़ गया। माता-पिता को बताया कि दोस्तों का एक ग्रुप इंग्लैंड जा रहा है.. बाबूजी ने पूछा कौन-कौन? जया और तुम अकेले जा रहे हो? अगर तुम्हें जाना है तो शादी कर के जाओ...’ अमिताभ अपने पिता जी बात कैसे काटते, आनन -फानन में तुरंत परिवार और पंडित को बुलाया गया क्योंकि दोनों की लंदन की फ्लाइट उसी डेट की बुक थी, अतः सात फेरे भी फटाफट उससे पहले लेने थे। अमिताभ की शादी बेहद सादगी भरी हुई। बारात में उनके पिता हरिवंशराय बच्चन सहित केवल पांच लोग जिसमें फिल्म इंडस्ट्री से सिर्फ गुलजार आए थे। दुल्हन की ओर से माता-पिता और बहनों के अलावा, अभिनेता असरानी और फरीदा जलाल उपस्थित थे। शादी के बाद एक भव्य कार्यक्रम में पूरी फिल्म इंडस्ट्री को आमंत्रित किया गया।
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