शनिवार, 7 नवंबर 2020

 

हिन्दी सिनेमा जिन्हे उनकी बेहतरीन अभिनय की वजह से जानती है और जिन्हे संजू बाबा, डेडली दत्त और मुन्ना भाई के रूप में पहचानती है। जो 1993 में हुए मुंबई बम ब्लास्ट की वजह से खासे चर्चा में रहे हैं।

पिता पूरी तरह अनुशासन प्रिय थे जबकि उन्हीं के बेटे संजू बचपन से जवानी तक काफी शरारती रहे हैं। यहां बताना आवश्यक है कि अपनी हिट फिल्म 'रॉकी' (1981 ) के रिलीज होने के पहले से ही वे ड्रग्स जैसे नशे के गुलाम हो गए थे। आलम ये था कि बिना नशा किए उन्हे नींद तक नहीं आती थी ।एक बार तो वे ड्रग्स के नशे में दो दिनों तक सोते रहा गए थे। बाद में अमेरिका में दो साल इलाज चलने के पश्चात वे ड्रग्स के चंगुल से निकल पाए। ठीक उसी प्रकार एक वक्त में अत्याधिक शराब पीने से उनकी जान तक जाने वाली थी, आज वे सब कुछ छोड़ चुके हैं और लोगों को नशा मुक्ति के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

इसी क्रम में संजय दत्त ने बतलाया, मुझे सिगरेट पीने की ऐसी लत लगी थी कि बिना पिए न किसी से ठीक से मिल पाता ना बोल पाता था। आदत से मजबूर संजय घर पर भी छुप-छुपकर सिगरेट पीते थे, ये सब सुनील दत्त साहब को पता नहीं था। ऐसे ही एक बार छिपकर बाथरूम में सिगरेट पीने के क्रम में अचानक से पिता सुनील दत्त ने देख लिया और उन्हें उनके इस व्यवहार के लिए उनकी जूते से पिटाई की।

संजय दत्त ग़ैर-क़ानूनी ढंग से हथियार रखने के मामले में जेल की सज़ा काट चुके हैं. जेल से लौटे संजय दत्त को ख़ुशी है कि फ़िल्म जगत के लोगों ने बुरे वक्त में उनका साथ दिया. इसका श्रेय वो अपने दिवंगत पिता सुनील दत्त के भले कामों देते हैं.

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